Last updated on : 21 Apr, 2025
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गर्भावस्था एक ऐसा समय है जब हर महिला अपने और अपने होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतती है। इस दौरान प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, यह जानना बेहद जरूरी है। एक संतुलित और पौष्टिक आहार न केवल मां को स्वस्थ रखता है, बल्कि बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि गर्भावस्था के दौरान किन खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए और किनसे दूरी बनाना बेहतर है। यह जानकारी आपकी प्रेगनेंसी को स्वस्थ, सुरक्षित और सुखद बनाने में मदद करेगी।
गर्भावस्था में संतुलित आहार लेना मां और बच्चे दोनों के लिए अनिवार्य है। यह सुनिश्चित करता है कि मां को पर्याप्त ऊर्जा और पोषण मिले, जबकि बच्चे को विकास के लिए सभी जरूरी तत्व प्राप्त हों। गर्भावस्था के दौरान किन चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए, यह समझना भी उतना ही आवश्यक है। साथ ही, सही खानपान की आदतें कब्ज, थकान और खून की कमी जैसी गर्भावस्था से जुड़ी समस्याओं को रोकने में मदद करती हैं। एक अच्छा आहार मां के वजन को नियंत्रित रखता है, जिससे प्रसव के दौरान और बाद में रिकवरी आसान होती है। इसके अलावा, पौष्टिक भोजन मां के मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है, जो इस संवेदनशील समय में बहुत जरूरी है। संतुलित आहार में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, और खनिजों का सही मिश्रण शामिल होना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान कुछ पोषक तत्वों की आवश्यकता सामान्य से अधिक होती है। ये तत्व मां और बच्चे के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनमें शामिल हैं:
इन पोषक तत्वों को पाने के लिए गर्भावस्था के दौरान सेवन किए जाने वाले खाद्य पदार्थों पर ध्यान देना जरूरी है।
गर्भावस्था में क्या खाएं, यह सवाल हर गर्भवती महिला के मन में होता है। गर्भावस्था में कुछ खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करना विशेष रूप से फायदेमंद होता है। ये खाद्य पदार्थ मां और बच्चे दोनों के लिए पोषण प्रदान करते हैं। नीचे कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों की सूची दी गई है:
फाइबर युक्त भोजन गर्भावस्था में बहुत जरूरी है। साबुत अनाज, दालें, चना, और हरी सब्जियां फाइबर का अच्छा स्रोत हैं। ये कब्ज की समस्या को कम करते हैं, जो गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव के कारण आम है। फाइबर ब्लड शुगर को नियंत्रित करने और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है।
पालक, मेथी, सरसों, और केल जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां आयरन, फोलिक एसिड, और विटामिन ए, सी, और के से भरपूर होती हैं। ये बच्चे के न्यूरल ट्यूब विकास में मदद करती हैं और मां को खून की कमी से बचाती हैं। इन्हें सलाद, सूप, या सब्जी के रूप में खाया जा सकता है।
दूध, दही, पनीर, और छाछ कैल्शियम, प्रोटीन, और विटामिन डी के उत्कृष्ट स्रोत हैं। ये बच्चे की हड्डियों और दांतों के निर्माण में मदद करते हैं। कम वसा वाले डेयरी उत्पाद चुनना बेहतर है ताकि अतिरिक्त कैलोरी से बचा जा सके।
संतरा, सेब, केला, अनार, और अमरूद जैसे फल विटामिन, खनिज, और फाइबर से भरपूर होते हैं। ये मां को ऊर्जा प्रदान करते हैं और बच्चे के विकास में मदद करते हैं। ताजा फलों का रस भी फायदेमंद है, लेकिन इसमें अतिरिक्त चीनी डालने से बचें।
बादाम, अखरोट, काजू, और किशमिश जैसे सूखे मेवे ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन ई, और मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत हैं। ये बच्चे के मस्तिष्क विकास के लिए फायदेमंद हैं। इन्हें सीमित मात्रा में खाएं, क्योंकि इनमें कैलोरी अधिक होती है।
अंडे प्रोटीन, कोलीन, और विटामिन डी का बेहतरीन स्रोत हैं। कोलीन बच्चे के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमेशा पूरी तरह पके हुए अंडे ही खाएं।
साबुत अनाज जैसे जई, ब्राउन राइस, क्विनोआ, और बाजरा कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, और बी विटामिन प्रदान करते हैं। ये मां के ऊर्जा स्तर को बनाए रखते हैं और पाचन को बेहतर बनाते हैं।
खाद्य पदार्थ | लाभ | मात्रा (प्रति दिन) |
हरी सब्जियां | आयरन, फोलिक एसिड | 1-2 कप |
डेयरी उत्पाद | कैल्शियम, प्रोटीन | 2-3 सर्विंग |
फल | विटामिन, फाइबर | 2-3 मध्यम आकार के फल |
सूखे मेवे | ओमेगा-3, विटामिन ई | 1 छोटा मुट्ठी |
अंडे | प्रोटीन, कोलीन | 1-2 अंडे |
साबुत अनाज | कार्बोहाइड्रेट, फाइबर | 2-3 सर्विंग |
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गर्भावस्था (pregnancy) में क्या नहीं खाना चाहिए, यह समझना उतना ही जरूरी है जितना यह जानना कि क्या खाना चाहिए। कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो गर्भवती महिला और शिशु—दोनों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
विशेष रूप से गर्भावस्था के शुरुआती चरण में, जब शिशु के अंगों का विकास हो रहा होता है, कुछ चीजों से पूरी तरह परहेज़ करना आवश्यक होता है।
किंग मैकेरल, स्वोर्डफिश, और टूना जैसी मछलियों में मरकरी की मात्रा अधिक हो सकती है। मरकरी बच्चे के तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकती है। सैल्मन और सार्डिन जैसी कम मरकरी वाली मछलियां सीमित मात्रा में खाई जा सकती हैं।
कच्चा मांस, अधपका चिकन, या सी-फूड जैसे सुशी में बैक्टीरिया (लिस्टेरिया) और परजीवी हो सकते हैं। ये गर्भपात या जन्म दोष का कारण बन सकते हैं। हमेशा अच्छी तरह पका हुआ मांस खाएं।
कच्चे अंकुरित अनाज जैसे मूंग या अल्फाल्फा में सैल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया हो सकते हैं। इन्हें अच्छी तरह पकाकर ही खाएं।
बिना धुले फल और सब्जियां कीटनाशक, गंदगी, या बैक्टीरिया से दूषित हो सकते हैं। इन्हें गर्म पानी से अच्छी तरह धोएं और छीलकर खाएं।
शराब का सेवन बच्चे के मस्तिष्क और अंगों के विकास को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। यह फीटल अल्कोहल सिंड्रोम का कारण बन सकता है। गर्भावस्था में शराब से पूरी तरह बचें।
अधिक कॉफी, चाय, या एनर्जी ड्रिंक का सेवन गर्भपात या कम वजन वाले बच्चे के जन्म के जोखिम को बढ़ा सकता है। प्रति दिन 200 मिलीग्राम से कम कैफीन (लगभग 1-2 कप कॉफी) लें।
चिप्स, बर्गर, पिज्जा, और अन्य प्रोसेस्ड फूड में पोषक तत्व कम और नमक, चीनी, और अस्वास्थ्यकर वसा अधिक होती है। ये मां के वजन को अनावश्यक रूप से बढ़ा सकते हैं और बच्चे के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
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गर्भावस्था में क्या खाएं, इसके साथ-साथ कुछ अन्य बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है, ताकि गर्भावस्था स्वस्थ और सुरक्षित बनी रहे। ये छोटी-छोटी सावधानियां बड़ा अंतर ला सकती हैं।
हाइड्रेशन गर्भावस्था में बहुत जरूरी है। पर्याप्त पानी पीने से कब्ज, डिहाइड्रेशन, और यूरिन इन्फेक्शन का खतरा कम होता है। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा, यहाँ तक कि सामान्य दर्द निवारक भी, न लें। कुछ दवाएं बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकती हैं।
कॉफी और चाय की जगह हर्बल टी, नारियल पानी, या ताजा फलों का रस लें। इससे कैफीन की मात्रा कम होगी और पोषण बढ़ेगा।
शराब बच्चे के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है। गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार के अल्कोहल से पूरी तरह बचें।
कच्चा पपीता गर्भाशय के संकुचन को बढ़ा सकता है, जो गर्भपात का कारण बन सकता है। पका हुआ पपीता सीमित मात्रा में खाया जा सकता है।
कच्चे अंकुरित अनाज में बैक्टीरिया होने का खतरा रहता है। इन्हें हमेशा अच्छी तरह पकाकर खाएं।
कच्चा मांस टॉक्सोप्लाज्मोसिस जैसे संक्रमण का कारण बन सकता है, जो मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक है।
हल्का व्यायाम जैसे योग, टहलना, या गर्भावस्था के लिए विशेष व्यायाम मां के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं। हमेशा डॉक्टर की सलाह लें।
नियमित जांच से थायराइड, ब्लड शुगर, और अन्य समस्याओं का समय पर पता चल सकता है। यह मां और बच्चे की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
गर्भावस्था के दौरान यौन गतिविधियों के बारे में डॉक्टर से सलाह लें। कुछ मामलों में सावधानी बरतने की जरूरत हो सकती है।
प्रसव के करीब आने पर असामान्य लक्षण जैसे रक्तस्राव, तेज दर्द, या बच्चे की हलचल में कमी पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
गर्भावस्था एक ऐसा समय है, जब यह समझना बेहद जरूरी होता है कि क्या खाना चाहिए और किन चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए।
संतुलित आहार, पर्याप्त जल सेवन, नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली गर्भावस्था को न केवल सुरक्षित बल्कि सुखद भी बनाते हैं।
हरी सब्ज़ियां, फल, डेयरी उत्पाद और साबुत अनाज जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थ मां और शिशु—दोनों के लिए लाभकारी होते हैं, जबकि शराब, कच्चा मांस और प्रोसेस्ड फूड से बचना चाहिए।
अपने डॉक्टर की सलाह को हमेशा प्राथमिकता दें, और कोई भी नया खाद्य पदार्थ आहार में शामिल करने से पहले उनसे परामर्श ज़रूर करें।
एक स्वस्थ गर्भावस्था न केवल मां के लिए आनंददायक अनुभव होती है, बल्कि यह बच्चे के उज्जवल भविष्य की नींव भी रखती है।
हाँ, गर्भावस्था के दौरान चिकन खाना सुरक्षित है। यह एक पौष्टिक भोजन है जो प्रोटीन, आयरन और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है. चिकन खाने से मां और बच्चे, दोनों को लाभ मिलता है।
गर्भावस्था के पहले महीने में, आपको अपने आहार में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और डेयरी उत्पादों को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा, हाइड्रेटेड रहना और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी महत्वपूर्ण है।
प्रेग्नेंसी में सुबह नाश्ते में आप पौष्टिक और संतुलित आहार ले सकती हैं, जैसे कि फल, साबुत अनाज, प्रोटीन और डेयरी उत्पाद. आप दलिया, ओट्स, टोस्ट या क्रैकर्स, नट्स और बीज, फल, जूस आदि खा सकती हैं।
गर्भावस्था में उल्टी होने पर हल्का और सुपाच्य भोजन लेना चाहिए। खिचड़ी, केला, सादी टोस्ट, अदरक की चाय या नींबू पानी फायदेमंद है। छोटे-छोटे हिस्सों में बार-बार खाएं और हाइड्रेटेड रहें।
गर्भवती महिलाओं के लिए संतरा, सेब, केला, अनार, अमरूद और बेरीज जैसे फल बहुत अच्छे हैं। ये विटामिन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो माँ और बच्चे के लिए फायदेमंद हैं।
गर्भावस्था में कच्चा या अधपका मांस, मरकरी वाली मछली (जैसे शार्क, स्वोर्डफिश), कच्चे अंडे, बिना पाश्चुरीकृत दूध, शराब, ज्यादा कैफीन और प्रोसेस्ड जंक फूड से बचना चाहिए। ये बच्चे के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं।
हाँ l मूंगफली गर्भावस्था में सीमित मात्रा में खाना सुरक्षित है, क्योंकि ये प्रोटीन और हेल्दी फैट्स का अच्छा स्रोत है। लेकिन अगर आपको नट्स से एलर्जी है या कोई शंका हो, तो पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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