Last updated on : 06 Mar, 2025
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हमारा शरीर कई जटिल प्रणालियों से मिलकर बना है और हर अंग का अपना एक अलग लेकिन महत्वपूर्ण कार्य होता है। इन्हीं अंगों में से एक है किडनी, जो हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है। किडनी का मुख्य कार्य खून को फिल्टर करना और शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालना है। लेकिन जब किडनी सही से काम नहीं करती तो शरीर में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं जो कि किडनी खराब होने के लक्षण भी हो सकते हैं। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि किडनी के खराब होने के संकेत क्या हैं, इसके प्रमुख कारण क्या हैं, इसे कैसे रोका जा सकता है और अगर समस्या बढ़ जाए तो इसका इलाज क्या हो सकता है।
किडनी, जिसे गुर्दा भी कहा जाता है, हमारे शरीर में पेट के पिछले हिस्से में रीढ़ की हड्डी के दोनों ओर स्थित होती है। यह आकार में एक बीन्स (beans) जैसी होती है और हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी कार्य करती है। शरीर में दो किडनी होती हैं, लेकिन अगर कोई व्यक्ति सिर्फ एक किडनी के सहारे भी जी सकता है, तो यह बताने के लिए काफी है कि यह अंग कितना प्रभावशाली है।
किडनी रोजाना लगभग 50 गैलन खून को फिल्टर करके शरीर से टॉक्सिन्स, यूरिया और क्रिएटिनिन जैसे हानिकारक तत्वों को बाहर निकालती है।
यह शरीर में सोडियम, पोटैशियम और कैल्शियम का संतुलन बनाए रखती है।
किडनी रेनिन (Renin) नामक हार्मोन का उत्पादन करती है जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
किडनी शरीर में Erythropoietin (EPO) नामक हार्मोन का निर्माण करती है जो हड्डियों के अंदर रेड ब्लड सेल्स (RBCs) बनाने में मदद करता है।
किडनी शरीर में विटामिन D के उत्पादन में मदद करती है जिससे हड्डियां मजबूत रहती हैं।
अगर आपकी किडनी धीरे-धीरे काम करना बंद कर रही है तो शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं। किडनी खराब होने के लक्षणों को समय पर पहचानकर सही इलाज करवाना बेहद जरूरी है। अगर शरीर में निम्नलिखित लक्षण महसूस होने लगे तो यह किडनी इन्फेक्शन के लक्षण हो सकते हैं:
कई कारणों से किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। कुछ प्रमुख कारण नीचे दिए गए हैं:
अगर ब्लड प्रेशर लंबे समय तक हाई रहता है तो यह किडनी को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाता है।
डायबिटीज किडनी की छोटी रक्त नलिकाओं को नुकसान पहुंचाती है जिससे इसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
बार-बार यूरिन इंफेक्शन होने से किडनी में संक्रमण फैल सकता है जिससे यह खराब हो सकती है।
पेनकिलर और एंटीबायोटिक्स जैसी दवाओं का अधिक सेवन किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है।
धूम्रपान और शराब से किडनी पर दबाव बढ़ता है और यह धीरे-धीरे कमजोर हो जाती है।
कम पानी पीने से किडनी में पथरी बनने लगती है और इसका कार्य कमजोर हो सकता है।
अगर आप चाहते हैं कि आपकी किडनी स्वस्थ रहे तो निम्नलिखित चीजों का ध्यान रखा जा सकता है:
दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं ताकि टॉक्सिन्स और बैक्टीरिया बाहर निकल सकें।
पेशाब के बाद और अंतरंग क्षेत्र की सफाई ठीक से करें ताकि बैक्टीरियल इन्फेक्शन से बचा जा सके।
लंबे समय तक पेशाब रोकने से बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है।
पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत रहे।
शरीर को फिट रखने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और किडनी हेल्दी रहती है।
अधिक नमक का सेवन किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है और इन्फेक्शन बढ़ा सकता है।
किडनी इन्फेक्शन में निम्नलिखित चीजें खाई जा सकती हैं जिससे कि रिकवरी काफी तेज होती है:
नारियल पानी, नींबू पानी और ग्रीन टी का सेवन करें।
सेब, पपीता, तरबूज और नाशपाती किडनी को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं।
पालक, लौकी, तोरई और करेला जैसे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ फायदेमंद होते हैं।
उबला हुआ अंडा, मछली और पनीर किडनी फ्रेंडली होते हैं।
दही और छाछ अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं, जो संक्रमण को रोकते हैं।
इनके एंटीबैक्टीरियल गुण किडनी को संक्रमण से बचाते हैं।
अलसी, अखरोट और चिया सीड्स किडनी हेल्थ को बेहतर बनाते हैं।
किडनी इन्फेक्शन के दौरान परहेज भी काफी महत्वपूर्ण है इसलिए निम्नलिखित चीजों से परहेज बहुत जरूरी है:
ज्यादा नमक से ब्लड प्रेशर बढ़ता है और किडनी पर दबाव पड़ता है।
पैकेटबंद खाना, जंक फूड और फास्ट फूड में हानिकारक तत्व होते हैं।
कॉफी, चाय और कोल्ड ड्रिंक्स डिहाइड्रेशन बढ़ाते हैं।
रेड मीट, प्रोसेस्ड मीट और बहुत ज्यादा प्रोटीन किडनी पर दबाव डाल सकते हैं।
शराब और धूम्रपान से किडनी डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है।
अधिक दूध, पनीर और मक्खन से किडनी पर दबाव पड़ सकता है।
किडनी की सूजन को कम करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं जो कि जीवनशैली से जुड़े हुए हैं:
दिनभर में 8-10 गिलास पानी पीने से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और सूजन कम होती है।
अधिक नमक किडनी पर दबाव डालता है जिससे सूजन बढ़ सकती है।
अधिक प्रोटीन से किडनी पर अधिक दबाव पड़ सकता है, इसलिए संतुलित आहार लें।
हल्का व्यायाम करने से रक्त संचार सुधरता है, जिससे सूजन कम होती है।
ये दोनों किडनी की सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं।
किडनी इन्फेक्शन के निम्नलिखित उपचार हो सकते हैं:
डॉक्टर की सलाह पर सही एंटीबायोटिक कोर्स पूरा करें ताकि संक्रमण पूरी तरह खत्म हो सके।
पेट के निचले हिस्से में हल्की गर्म सिंकाई करने से दर्द और सूजन में राहत मिलती है।
यह मूत्र मार्ग के संक्रमण को कम करने में सहायक हो सकता है।
साफ-सफाई का ध्यान रखें ताकि बैक्टीरियल इंफेक्शन दोबारा न हो।
बार-बार पेशाब करने से बैक्टीरिया शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
गिलोय, नीम और हल्दी संक्रमण को कम करने में मदद कर सकते हैं।
किडनी शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जिसे स्वस्थ बनाए रखने के लिए सही खानपान और जीवनशैली जरूरी है। किडनी खराब होने के लक्षण को नजरअंदाज करने से किडनी फेलियर हो सकता है जिससे डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए, समय-समय पर मेडिकल चेकअप करवाना और सही जीवनशैली अपनाना बहुत जरूरी है। अगर आपको किडनी से जुड़ी कोई भी समस्या हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएं।
थकान, पेशाब में बदलाव, सूजन, भूख न लगना, उल्टी, खुजली, सांस फूलना, हाई BP, मांसपेशियों में ऐंठन और सिरदर्द।
बार-बार पेशाब आना, पेशाब में झाग, सूजन, थकान और हाई BP।
कमर के निचले हिस्से और पेट के दोनों तरफ दर्द हो सकता है।
पेशाब में समस्या, कमजोरी, चक्कर आना और शरीर में सूजन।
ब्लड और यूरिन टेस्ट करवाएं जैसे कि क्रिएटिनिन और GFR टेस्ट।
पेशाब में झाग या रक्त आना और सूजन होना।
फाइबर युक्त भोजन, फल, हरी सब्जियां और हर्बल ड्रिंक्स।
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